भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की कोशिशें जारी हैं। इसी के मद्देनजर नौसेना को महज सात साल के अंदर देश में बना पहला सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज INS DHRUV मिला है। इस तकनीक वाला नौसैन्य मिसाइल सिस्टम मौजूद है।
इस जंगी जहाज को इतना गोपनीय रखा गया था कि सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की निगरानी में ही इसे बनाने का काम पूरा हुआ। अब इसे आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया जाएगा।
मौजूदा समय में भारत के दो पड़ोसियों (चीन और पाकिस्तान) के पास परमाणु हथियार हैं। चीन पिछले काफी समय से समुद्री सीमा के जरिए भारत पर निगरानी रखने की कोशिश कर रहा है। नौसैन्य निगरानी के मामले में फिलहाल चीन सबसे आगे है। उसके पास भारत के मुकाबले ट्रैकिंग जहाजों का बड़ा बेड़ा है। चिंता की बात यह है कि चीन बीते काफी समय से अपने समुद्री क्षेत्र से निगरानी करने वाले जहाजों को हिंद महासागर की ओर भेज रहा है।
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