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किसान तैयार हैं…

25 Jan. Vadodara: गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ की परेड के अलावा किसानों की ट्रेक्टर परेड भी इस बार इतिहास रचेगी। किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच 26 जनवरी को होने वाली ट्रेक्टर परेड को लेकर हुई बातचीत में सहमति बनने के बाद सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर तैयारियां ज़ोरों पर है। पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों में लोगों के आने का सिलसिला जारी है। न केवल पंजाब हरियाणा के किसान, लेकिन महाराष्ट्र के नासिक से भी किसान का समर्थन करने के लिए किसान निकल चुके हैं।

मन जा रहा है कि, रविवार की रात तक टीकरी, सिंघु और गाज़ीपुर बॉर्डर पर करीब 30 हज़ार ट्रेक्टर पहुँच चुके हैं। किसान नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की सुबह तक एक लाख ट्रेक्टर आ जायेंगे।

रविवार शाम को रूट पर सहमति बनने के बाद दिल्ली पुलिस ने टीकरी बॉर्डर से दिल्ली की ओर आने वाली सड़क पर एक साइड से बैरिकेडिंग को हटा दिया है। आंदोलन की जगह से करीब एक किलोमीटर आगे सीमेंट के बैरिकेड्स और लोहे के बड़े कंटेनरों को हटाकर सड़क को खोल दिया गया है। साथ ही तय किये गए रूट पर दिल्ली पुलिस और CRPF के जवानों ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है। परेड में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर से ही दिल्ली में आएंगे। यही कारण है की यहां व्यवस्था सबसे ज्यादा चाक-चौबंद है। पुलिस ने शर्त रखी है कि एक ट्रैक्टर पर सिर्फ तीन लोग बैठ सकते हैं यानी तीन से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे। दूसरी चीजें तय करने के लिए किसान संगठन और पुलिस सोमवार को भी बाचतीत करेंगे।

टीकरी से दिल्ली वाले रूट पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान सुरक्षाबलों और किसानों के अलावा कोई मौजूद नहीं होगा। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, 25 जनवरी की शाम को ही सारी दुकानें बंद करवा दी जाएंगी। ऐसा इसलिए, ताकि कुछ गड़बड़ी हो तो वाहनों और दुकानों को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। यहां भारी सुरक्षा के बंदोबस्त भी किए गए हैं। परेड के तय रूट के अलावा आसपास की सड़कों पर भी डायवर्शन की योजना तैयार करदी गयी है।

टीकरी बॉर्डर से दिल्ली आने वाली ट्रैक्टर परेड के लिए किसान सोशल आर्मी के एक हजार स्वयंसेवक भी तैनात रहेंगे। ये सूची पुलिस के साथ भी साझा की जाएगी। इन वॉलियंटर्स को लीड कर रहे अजीत सिंह ने बताया, ‘वॉलियंटर्स ड्रेस कोड में होंगे। इनमें फर्स्ट एड, पानी-चाय मुहैया कराने वालों के अलावा ट्रैक्टर मैकेनिक भी होंगे। हम इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।’

इस ट्रेक्टर परेड में तीन तरीके के तिरंगों का इस्तेमाल किया जाना है। जिसमें किसान संगठन, तिरंगा यानी राष्ट्र ध्वज और खालसा पंथ का झंडा शामिल है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से घोषणा की गयी है कि कोई संगठन अपने ट्रैक्टर पर तिरंगे का इस्तेमाल भले ही न करे, लेकिन उसका अपमान नहीं करेगा। हरियाणा और यूपी से आए किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर किसान संगठन के साथ तिरंगा लगा रखा है। वहीं, पंजाब से आए ट्रैक्टरों पर किसान संगठन और खालसा का झंडा लगाया गया है।

इस दौरान, कोई भी गड़बड़ी हुई तो वरिष्ठ किसान नेता जिम्मेदार ठहराए जायेंगे। किसान नेताओं से बाकायदा इस बात की गांरटी ली गई है कि परेड के दौरान कोई भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश न करे या कोई साज़िश होती है तो उन्हें ही ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर परेड के दौरान कहीं कुछ गडबड़ी हुई तो इसके लिए वरिष्ठ किसान नेता जिम्मेदार माने जाएंगे और उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।

किसानों की सबसे बड़ी संख्या आंदोलन के दौरान टीकरी बॉर्डर पर ही दर्ज की गयी है। यहां करीब 32 किलोमीटर के एरिया में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दो महीने से टिके हुए हैं। टीकरी बॉर्डर पर ट्रैक्टरों की संख्या भी सबसे ज्यादा दर्ज की गयी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, टीकरी पर 10 से 12 हजार ट्रैक्टर हैं।