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April 18, 2024

भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का छाया ट्रेलर

27 Feb. Mumbai: हाल ही में संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ जिसमें फिल्म की लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट काफी अलग अंदाज़ में नज़र आ रही हैं। गंगूबाई काठियावाड़ी में आलिया भट्ट एक वेश्यागृह को चलते हुए नज़र आएँगी। आलिया की एक अनोखी एक्टिंग इस फिल्म में नज़र आ सकती है। ट्रेलर की बात करें तो ट्रेलर लोगों में बरहाल चर्चा का विषय बना है। और साथ आलिया के एक्टिंग की भी जमकर तारीफ़ हो रही है।

कौन है गंगूबाई जिनका किरदार आलिया निभा रही है?

गंगूबाई का पूरा नाम गंगूबाई हरजीवनदास काठियावाड़ी था। उनका जन्म गुजरात के काठियावाड़ में हुआ था। गंगूबाई का पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ एक रसप्रद किस्सा जुड़ा हुआ है। एस हुसैन ज़ईदी ने अपनी लिखी हुई किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई’ में उल्लेख के अनुसार बताया है कि गुंजाइबै एक व्यापारी परिवार से आती थीं, जो काफी बेहतर हालत में थीं, परिवार में शिक्षक और वकील भी थे। गंगूबाई को उस समय एक अकाउंटेंट से प्यार हो गया था। परिवार वाले इस प्रेम सम्बन्ध को स्वीकार नहीं करेंगे ये सोचकर दोनों मुंबई भाग जाते हैं। लेकिन यहाँ कहानी में एक छोटा से ट्विस्ट आ जाता है। मुंबई पहुँचते ही गंगा का प्रेमी दगाबाज़ निकलता है और गंगा को मुंबई के कमाटीपुरा में 500 रूपए में बेच देता है। गंगा को अब ये ख्याल भी सताने लगे कि अब किस मुँह से वह फिर घर को लौटे। इसीलिए वेश्यावृत्ति को ही हक़ीक़त मानकर वहीं अपने जीवन का एक नया अध्याय शुरू कर दिया।

गंगा से गंगू मैडम तक का सफर…

1960 -1970 की बात है। जैसे-जैसे वक़्त बीतता गया गंगा कमाटीपुरा की हेड बन गयी। ऐसे ही धीरे-धीरे गंगा से गंगू हुईं और फिर मैडम के नाम से पहचान बनायीं। इसके बाद गंगू कमाटीपुरा से चुनावी मैदान में भी उतरीं और जीतीं भी। समय के साथ गंगू की पहचान बदलने लगी। जो भी लड़की बेच दी जाती या इस वेश्यावृत्ति में धकेल दी जाती थी अब उसकी माँ का किरदार भी गंगू निभाने लगी थी। गंगू हमेशा अपने बीते कल को जब भी दूसरी लड़कियों में देखतीं तो उनकी मदद के लिए हमेशा आगे आ जाती थीं। गंगूबाई का हमेशा से मानना रहा था कि वेश्यावृत्ति के लिए एक अलग से जगह देनी चाहिए।

एक बार गंगूबाई ने महिला के हक़ों पर भी बात उठायी और उसे लेकर शहर के आज़ाद मैदान में भाषण भी दिया। और फिर क्या था गंगू का ये भाषण भी लोगों में चर्चा का विषय बन गया।

क्या रिश्ता था डॉन करीमलाला और गंगूबाई के बीच?

उन दिनों गैंगस्टर और माफियाओं के भी बहुत किस्से और चर्चे हुआ करते थे। यूँ तो गंगू का गैंगस्टर और माफियाओं से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। लेकिन ऐसा क्या हुआ था कि डॉन करीमलाला ने गंगू को अपनी बहन बना लिया? दरहसल गंगूबाई का पठान नामक एक कस्टमर हुआ करता था। बताया गया था कि सोने के बाद वो कभी-कभी पैसे नहीं देता था और दुर्व्यहवार भी किया करता था। पठान का बर्ताव अनियंत्रित होने लगा, जिसके बाद पठान ने गंगू को इतना मारा की गंगू को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इसके बाद गंगूबाई ने पठान कौन है, कहाँ से आता है जैसी जानकारी निकालनी शुरू की। जानकारी इक्कठी करने बाद गंगू को पता चला कि डॉन करीमलाला की गैंग में काम करता है और उसका नाम पठान शौख़त खान है। इसके बाद गंगूबाई करीमलाल के पास पहुंची और पूरी बात बताई। इसके बाद करीमलाला ने गंगूबाई से वादा किया कि जब पठान अगली बार आएगा तो उसे अपनी इस हरकत का खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा। और इसके बाद ही करीमलाला ने गंगू को अपनी बहन घोषित कर दिया। इसके बाद तो गंगू की प्रतिष्ठा लोगों के बीच और बढ़ गयी।

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अभिनेत्री बनना चाहती थीं गंगूबाई

गंगू को बचपन से ही फिल्मों में काम करने का शौख था। इस धंधे की दुनिया में धकेले जाने के बाद भी कहीं न कहीं फिल्मों में काम करने की तमन्ना थी। गंगू का यह शौख उनके कपडे और आभूषणों से मालूम होता था। गंगू हमेशा ही गोल्डन बॉर्डर की सफ़ेद साडी पहनती थीं और ब्लाउज में भी गोल्डन बटन होते थे। उनके चश्मे भी गोल्डन फ्रेम के होते थे। हमेशा कार में ही सफर किया करती थीं और साथ ही धुप से बचने के लिए साथ छाता भी रखती थीं। यानी ये कह लो गंगू ने हमेशा से ही एक अभिनेत्री वाले शौख पाले हैं। उन्हें सोने के जवाहरातों का खूब शौख था। जब उनकी मृत्यु हुई तब उनकी जो तस्वीर राखी गयी उसी से मालूम होता है कि गंगू लोगों में कितनी प्रचलित थी।

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पूर्व प्रधानमंत्री के साथ गंगूबाई की मुलाकात

1960 के दशक में कमाटीपुरा में गर्ल्स हाई स्कूल शुरू होने वाली थी। लेकिन स्कूल प्रशासन की मांग थी की वहां से वेश्यावृत्ति को हटा दिया जाए। कारन बताया गया कि वहां सेक्स वर्कर्स घूमती हैं जिसकी वजह से बच्चों पर इसका गलत असर पड़ेगा। इसके बाद गंगू ने विचार किया कि अगर यहाँ से ये सब हटा दिया जाए तो वहां रह रहीं महिलाएं कहाँ जाएँगी और क्या करेंगी। कमाटीपुरा को बचने के लिए गंगू ने अपने सारे राजनैतिक संपर्क इस्तेमाल किये, जिसके बाद आखिर में उन्होंने अपना संपर्क पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से साधा। इसके बाद गंगू ने एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग को ऑफिशियली कहीं भी रिकॉर्ड नहीं किया गया था। लेकिन पुस्तक ‘माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई’ के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी गंगू की दलीलें सुन भौचक्के रह गए थे। और बातों ही बातों में नेहरू ने गंगूबाई से पूछ लिया कि आप इतनी अच्छी प्रवक्ता हैं इतना अच्छा बोलती हैं तो आप इस धंदे में कैसे आ गए। आपको तो कोई भी नौकरी मिल सकती है और अच्छा पति भी मिल सकता है। ये सुन कर निडर और हाजिर जवाबी गंगू ने उसी समय नेहरू के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। गंगू ने कहा कि अगर आप मुझसे शादी के लिए राज़ी हैं तो मैं इसी वक़्त इस धंदे को छोड़ दूंगी। यह सुनकर नेहरू मौन हो गए। नेहरू के मौन का जवाब देते हुए गंगू ने कहा कि किसी को सलाह देना बहुत आसान है, लेकिन जब बात खुद पर आती है तो बहुत कठिन हो जाता है। गंगू के इस अंदाज़ से नेहरू प्रभावित हुए और कमाटीपुरा को बचने में गंगूबाई की पूरी मदद की।

दर्शकों को है गंगूबाई काठियावाड़ी का इंतज़ार

जब भी संजय लीला भंसाली की फिल्म आती है तो दर्शकों में एक अलग आतुरता देखने को मिलती है। आलिया भी इस फिल्म में उभर कर आ रही हैं। इस में एक ख़ास बात है कि 21 साल बाद अजय देवगन और संजय लीला भंसाली साथ काम करेंगे। लेकिन अब देखना यह है कि क्या भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ दर्शकों की उमीदों पर खरी उतरती है या नहीं। गंगूबाई काठियावाड़ी 30 जुलाई 2021 को रिलीज़ होगी।